हकीकत में है वो जगह जहाँ बहती है घी की नदियाँ - a2zfact | all facts

हकीकत में है वो जगह जहाँ बहती है घी की नदियाँ


हमारे भारत देश में गुजरात को एक दुग्ध प्रधान राज्य कहा जाता है | यहाँ तक की मशहूर अमूल दूध की नींव भी इसी राज्य में रखी गयी थी लेकिन क्या आपको पता है इस राज्य में एक दिन ऐसा भी होता है जब यहाँ घी की नदियाँ भी बहती हैं |

जी हाँ गुजरात के गांधीनगर जिले के रुपाल नाम के गांव में हर साल की अंतिम नवरात्रि में घी की नदियाँ बहती हैं | इसका कारण उस गांव में पूजी जाने वाली वरदायिनी देवी माँ हैं और जिन्हें अगर पूरी श्रद्धा से घी चढ़ाया जाये तो घी अर्पित करने वाले व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है |

इस उत्सव को वहाँ पल्ली उत्सव के नाम से पुकारा जाता है | गुजरात में पल्ली का मतलब लकड़ी के ढांचे से होता होता है जिसमे पांच ज्योतियां होती हैं | इन पांचो ज्योतियों में घी चढ़ाकर माँ को अर्पण किया जाता है | ऐसा अनुमान है कि हर साल इस उत्सव में 4 लाख किलो से भी ज्यादा घी देवी माँ को अर्पण किया जाता है |

जिन माँ वरदायिनी देवी के लिए यह उत्सव मनाया जाता है उनकी पूजा की भी एक प्राचीन कथा है | महाभारत काल में जब पांडवों को अंतिम एक वर्ष का अज्ञातवास बिताना था तब उन्हें यह चिंता हुई की वे अपने अस्त्र-शस्त्र कहाँ छुपाएंगे? तब उन्होंने घी का अर्पण करके माँ वरदायिनी देवी को प्रसन्न किया और अभीष्ट वरदान प्राप्त किया | तब से पांडवों ने यह निश्चय किया की वे हर नवरात्रि की आखिरी रात को माँ वरदायिनी देवी की रथ यात्रा निकालकर उन्हें घी चढ़ाएंगे और उसी दिन से यह परंपरा आज भी चली आ रही है |

इसी कारण हर साल इस गांव में वरदायिनी देवी की रथ यात्रा निकली जाती है और इस यात्रा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से करीब 10 लाख से भी ज्यादा लोग इस गांव में आते हैं | इस गांव में कुल 25 से भी अधिक चौराहे हैं और जब रथ उन चौराहों के पास से होकर गुजरता है तब लोग अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु उनकी पल्ली के ऊपर बाल्टियों एवं अन्य बर्तनों से घी चढ़ाते हैं |

आश्चर्य की बात तो यह है कि जब यह घी अर्पण होने के पश्चात ज़मीन में गिर जाता है तब कोई भी पशु इसे अपने मुँह से नहीं लगाता और उस घी से किसी भी व्यक्ति के कपड़ों में किसी भी तरह का कोई दाग भी नहीं लगता | उस ज़मीन में पड़े घी को वहाँ के एक ख़ास परिवार के लोग ही उठाते हैं और साल भर इस्तेमाल के लिए अपने पास रख लेते हैं |

बहरहाल, वहाँ घी बेचने वालों के लिए यह समय किसी स्वर्ग से कम नहीं होता और इन चमत्कारों को देखते हुए इसमें कोई आश्चर्य नही कि वहाँ घी चढ़ाने वालों की मनोकामना अवश्य ही पूरी होती होगी |