तो यह निवास स्थल है बजरंगबली का - a2zfact | all facts

तो यह निवास स्थल है बजरंगबली का



संसार में बहुत ही कम लोग ऐसे हैं जिन्हें अमरता का वरदान प्राप्त है और ऐसा कहा जाता है कि रामभक्त हनुमान उन्हीं अमर शक्तियों में से एक हैं । सतयुग में बजरंगबली की भगवान राम के प्रति निष्ठा और श्रद्धा भाव को देखते हुए माता सीता ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था और तभी से ऐसा कहा जाता है की पवनपुत्र हनुमान आज भी कहीं पर अवश्य जीवित हैं परन्तु उनके निवास स्थल के बारे में सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है ।


हमारे कई धर्मग्रंथो और पुराणों में ऐसा लिखा है कि हनुमान जी का निवास स्थल गन्धमादन पर्वत के पास कहीं पर स्थित है । यह भी कहा जाता है कि द्वापरयुग में जब पाण्डवों को 13 वर्ष का वनवास भुगतना पड़ा था तब अपने अज्ञातवास के आखिरी वर्ष में पाण्डव गन्धमादन पर्वत की और भी आये थे । जब पाण्डवों को सहस्रदल कमल की आवश्यकता पड़ी तब उन्होंने भीम को उस कमल को लाने के लिए भेजा । भीम हिमवंत पार करते हुए जब गन्धमादन पर्वत पहुँचे तब हनुमान जी ने अपनी पूँछ को उनके रास्ते के सामने रखते हुए उनका शक्ति परीक्षण किया और उनके अति-आत्मविश्वास को तोडा ।

ऐसा कहा जाता है कि गन्धमादन पर्वत के शिखर तक सिर्फ पैदल ही पंहुचा जा सकता है क्योंकि इस पर्वत पर कई सिद्धहस्त साधु, गन्धर्व, किन्नर इत्यादि भी निवास करते हैं । इस पर्वत का रास्ता कैलाश से उत्तर दिशा की और जाने पर प्राप्त होता है । इसी पवित्र पर्वत पर महर्षि कश्यप ने भी साधना की थी ।

पूर्व काल में यह क्षेत्र धन के देवता कुबेर के क्षेत्र में आता था । यह पर्वत सुमेरु पर्वत के चारो और फैले हुए गजदंत पर्वतो में से एक था । इसी तरह का एक पर्वत दक्षिण दिशा में रामेश्वर धाम के पास भी है जहाँ से बजरंगबली ने लंका के लिए छलांग लगायी थी । वर्तमान में यह पर्वत तिब्बती इलाके में आता है ।

इसी कारणवश उस पर्वत पर हनुमान जी का एक विशेष मदिर बना हुआ है । जहाँ पर उनकी प्रतिमा के साथ उनके आराध्य प्रभु श्रीराम की प्रतिमा भी स्थापित है । इसके अलावा भी कई देवी-देवताओं की मूर्तियां वहाँ पर विराजित हैं । यह भी माना जाता है कि इसी पर्वत के ऊपर विराजित होकर प्रभु श्रीराम एवं हनुमान जी अपनी वानर सैनिकों के साथ युद्ध की योजना भी बनाते थे और इसी कारणवश भगवान श्रीराम के चरण-चिन्ह आज भी उस पर्वत पर कहीं मौजूद हैं ।